दर्शन दे मा दर्शन दे।
दर्शन दे मा दर्शन दे।
मुझे जीने की तू शक्ति दे ।
दर दर भटकी तेरे गलियारोमें
पहुंचन पायी तेरे दरबारों में
ऒ मां…तू कहा? ऒ मां…तू कहा??
एक बार मुसुकावो मां
एक झलक दिखलावो मां
मुझसे सीने से लगालो मां ॥१॥
घॊर अंधियारा छा रहा हैं
काले बादल बरस रहे हैं
ऒ मां…तू कहा? ऒ मां…तू कहा??
एक किरण दिखलादो मां
हाथ मेरी तुम थामॊं मा
मुझसे दूर मत जावॊ मां,ऒ मां ॥२॥
कण –कण में तुम्हॆं ढूंढ रही थी
तुम मेरे हृदय में ही बसी हुयी थी
ऒ मां तू यहां.. ऒ मां तू यहां..
करुना की तेरी प्यासी हूं
आंगन की तेरी वासी हूं
जनुम जनुम की तेरी दासी हूं..ऒ मां
जनुम जनुम की तेरी दासी हूं ॥३॥
सविता इनामदार.