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Thursday, 5 May 2016

दर्शन दे मा दर्शन दे.._/\_..




दर्शन दे मा दर्शन दे।
दर्शन दे मा दर्शन दे।
मुझे जीने की तू शक्ति दे ।
दर दर भटकी तेरे गलियारोमें
पहुंचन पायी तेरे दरबारों में
ऒ मां…तू कहा? ऒ मां…तू कहा?? 
एक बार मुसुकावो मां
एक झलक दिखलावो मां  
मुझसे सीने से लगालो मां ॥१॥

                     घॊर अंधियारा छा रहा हैं
                     काले बादल बरस रहे हैं            
                    ऒ मां…तू कहा? ऒ मां…तू कहा?? 
                     एक किरण दिखलादो मां
                     हाथ मेरी तुम थामॊं मा
                     मुझसे दूर मत जावॊ मां,ऒ मां ॥२॥

कण –कण में तुम्हॆं ढूंढ रही थी
तुम मेरे हृदय में ही बसी हुयी थी
ऒ मां तू यहां.. ऒ मां तू यहां..
करुना की तेरी प्यासी हूं
आंगन की तेरी वासी हूं
जनुम जनुम की तेरी दासी हूं..ऒ मां
जनुम जनुम की तेरी दासी हूं ॥३॥

सविता इनामदार.